प्यार कैसे होता है? कब होता है प्यार - जानिए हर एक पहलु को हिंदी में

प्यार कैसे होता है? जानिए प्यार होने की क्या है असली वजह:

प्यार एक एहसास है जो दिलो से दिलो को जोड़ता है। दुनिया में इससे बड़ी कोई चीज नहीं है। प्यार बड़ी प्यारी चीज होती है जिससे हो जाता है उससे अच्छा और कोई नहीं नजर आता है। हर किसी का प्यार का प्रति मतलब भी अलग अलग होता है किसी के लिए किसी को एक तरफा चाहना प्यार है। तो किसी के लिए मर-मिटना प्यार है। हर कोई अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ करता है लेकिन उनमे से बहुत कम लोगो को उनका प्यार नसीब होता है। 

प्यार कैसे होता हैं।


लोगो के नजर में प्यार का मतलब तो अलग अलग होता है लेकिन ये प्यार कैसे होता है? यह शायद ही किसी को पता हो तो आज के लिए पोस्ट में हम जानेंगे कि प्यार कैसे होता है ? प्यार कितने तरह का होता है? प्यार कैसे और कब होता है? झूठे और सच्चे प्यार में फर्क ,प्यार का अर्थ क्या होता है? प्यार की शुरुआत कैसे होती है ? सच्चा प्यार कैसे होता है ? असली प्यार की निसानी क्या होती है ? प्यार होने के बाद क्या होता है ? कैसे जाने कोई हमें प्यार करता है ?


Table of Content 

  • प्यार का अर्थ क्या होता है?
  • प्यार कितने तरह का होता है?
  • प्यार कैसे होता है? 
  • प्यार कब होता है? 
  • झूठे और सच्चे प्यार में फर्क
  • प्यार की शुरुआत कैसे होती है? 
  • सच्चा प्यार कैसे होता है? 
  • असली प्यार की निसानी क्या होती है? 
  • प्यार होने के बाद क्या होता है? 
  • कैसे जाने कोई हमें प्यार करता है?
  • निष्कर्ष: क्या प्यार होना जरूरी है?
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्यार का अर्थ क्या होता है?

प्यार का अर्थ होता है "त्याग" यानि कहने का तात्पर्य ये है कि जब किसी से किसी को प्यार होता है तो वह उसके लिए कुछ भी त्याग कर सकता है। चाहे हो कितनी भी बड़ी चीज क्यों न हो। प्यार का मतलब बिना बोले उनकी बात को समझ जाना ,बिना किसी फायदा सोचे उसके साथ रहना ,हमेशा उसके लिए अच्छा सोचना, उसकी पसंद को अपनी पसंद समझना और उसकी ख़ुशी को अपनी ख़ुशी समझाना है। 

प्यार कितने तरह का होता है?

प्रेमी और प्रेमिका ,पति और पत्नी के प्यार के प्यार के अलावा भी प्यार के मायने हर किसी के नजर में अलग अलग होता है जैसे किसी को अपने माता-पिता तो किसी को अपने भाई से प्यार होता है। इसी तरह से प्यार के प्रकार भी अलग अलग हो जाते है आईये जानते है प्यार कितने तरह का होता है-

  • प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार:

सबसे ज्यादा चर्चा में रहना वाला प्यार प्रेमी और प्रेमिका का होता है। इस प्यार की खास बात यह है कि आकर्षण, जुड़ाव और भावनात्मक संबंध जैसे चीजों से जुड़ा होता है। इसमें प्रेमी प्रेमिका के लिए और प्रेमिका प्रेमी के लिए सब कुछ कर देती है। यह वह अटूट बंधन है जिसे भगवान ने खुद बनाया है।

जब भी प्रेमी और प्रेमिका के प्यार के बात आती है तो सबसे पहले लोग राधा और कृष्णा को याद करते है। लैला और मजनू को भी याद करते है। 

यह राधा और कृष्णा का प्यार तो एक मिसाल है जो यह बताता है कि प्यार की परिभाषा क्या होती है। किसी को पा लेना ही प्यार नहीं है। राधा और कृष्णा का कभी विवाह नहीं हुआ फिर भी लोग उनका नाम आदर के साथ लेते है। किसी ने सही ही कहा है- "अगर सब कुछ मिल जायेगा जिंदगी में तो तंमना किसकी रखोगे कुछ अधूरी चाहत भी जिंदगी जीने का मजा देती है।" 

  • भाई-बहन का प्यार:

भाई बहन का प्यार तो बचपन का प्यार होता है। भाई बहन के प्यार के रूप में पूरी दुनिया रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। दुनिया में इस रिश्ते से पवित्र और कोई भी रिश्ता नहीं होता है। बहन अगर किसी के पास सबसे सुरक्षित महसूस करती है इस दुनिया में तो वह उसका भाई होता है।

यदि आपका कोई भाई नहीं है तो आप बहुत बदकिस्मत है। और अगर आप लड़के है और आपकी बहन नहीं तो आप उस रक्षाबंधन के दिन सोचो आपको कैसे लगता होगा। एक भाई अपनी बहन की इज्जत की रक्षा करता है। दुनिया ने सबसे सुन्दर प्यार का नाम भाई बहन के प्यार को दिया है। 

  • माता पिता से प्यार:

दुनिया में अगर अगर किसी को सबसे पहले किसी से प्यार होता है तो उसे अपने माता और पिता से होता है। इस प्यार से बड़ा इस दुनिया में न कोई प्यार है और न  कोई होगा। एक माता पिता ही होते है तो अपने बच्चे के बारे में अच्छा सोचते है और उनके लिए सब कुछ करते है। 
लड़के जब पैदा होते है तो उन्हें पाल पोष कर बड़ा करते है। बचपन से लेकर जवानी तक पहुचांने में एक माता पिता का ही योगदान होता है। कोई भी बच्चा अगर किसी पर आंख बंद करके भरोषा कर सकता है तो वह होते है माता-पिता। किसी प्यार में सबसे जरुरी होता है भरोषा। माता पिता के अलावा इस संसार में कोई भरोसे के काबिल नहीं है।

  • दोस्तों का प्यार :

जब प्यार की बात हो और दोस्तों का नाम न आये ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता है। दोस्ती तो वह मिसाल है जिसमे लाखों दोस्तों ने अपने दोस्त के लिए अपने जान तक गया दिए। दोस्त भी कई तरह के होते है लेकिन जो हर खुशी और ग़म में साथ साथ रहे वही सच्चा दोस्त है।

यदि आपको सच्चे दोस्त की पहचान करनी हो तो उससे बुरे समय में मदत के लिए पुकारना। यदि वह आपका सच्चा दोस्त होगा तो वह जरूर आपकी सहायता करेगा।   

जब भी दोस्तों की बात आती है तो इन दोस्तों की दोस्ती को दुनिया आज भी मिसाल देती है - कृष्णा और सुदामा , दुर्योधन और कर्ण , राम और सुग्रीम जैसे दोस्त ने दोस्ती के चिराग को कभी भुझने नहीं दिया है। क्या आपका भी कोई दोस्त है ऐसा जो आपके लिए जान दे सकता है कमेंट में जरूर बताये। 

  • ईश्वर के प्रति प्यार :

अगर कोई प्यार अनंत है तो वह और कोई नहीं भगवान के प्रति प्यार है। जो लोग ईश्वर में भरोषा रखते है न वह कभी भी निरास नहीं होते है। भगवान से प्यार एक  जन्मो के नहीं बल्कि ये तो जन्मो जन्मो का नाता है। जो भी भगवान से प्यार करता है उसके अंदर अलग ही ख़ुशी होती है। यदि आपको भगवान से सच्चे मन, कर्म और आत्मा से भगवान की भक्ति करते है तो भगवान आपकी सारी मनोकामना पूरी करता है। और इसे ही सच्चे अर्थ में ईश्वर से प्रेम करना होता है। बिना किसी लालच यानि निःस्वार्थ भाव से ही भगवान को प्रशन्न किया जा सकता है। 

  • सेल्फ लव (Self love):

प्यार के प्रकार में सेल्फ लव भी एक नाम आता है। अकसर हम अपने दोस्तों से कहते हुए सुनते है- " ए ऍम सिंगल " इसका मतलब होता है जो किसी से प्यार नहीं करते है तो अपने आप से प्यार करते है। वे लोग अपने बारे में ही सोचते रहते है। 

प्यार कैसे होता है? 

प्यार एक प्यारा अहसास है जिसे किया नहीं जाता है प्यार हो जाता हैं । प्यार धीरे-धीरे होता है। जब आपको किसी से प्यार होता है तो उसके नहीं दिखने से मन बेचैन होने लगता हैं। प्यार मे किसी की कमियों को नजरंदाज करना प्यार की निसानी हैं। किसी की एक झलक से आपका दिन अच्छा जाने लगे तो समझ लो आपको उस इंसान से प्यार हो गया है । 

प्यार कैसे होता हैं उसके निम्न संकेत है-
  • किसी को खोने से डरना
  • किसी की पसंद अपनी पसंद लगे
  • उसके नहीं दिखने पर दिल मे बेचैनी होना
  • उसकी खुशी में खुद को सुकून मिलना
  • हर पल उसके ही यादों में खोये रहना
  • उसके खामोश होने पर खुद उदास हो जाना
  • उसके एक फोन या मेसेज का इंतजार करना
  • उसकी फिकर करना 
  • जब उसके बिना सब अधूरा लगने लगे

उपर बताये गए संकेत के जरिये पता चलता है प्यार कैसे होता हैं। एक वाक्य में कहा जाए तो प्यार वह हैं जो हम खुद को किसी और के अंदर देखते हैं। यानी जब उसकी हर चीज अपनी लगी। उसका दुख या सुख में खुद दुखी और सुखी होने लगे, उसके ना मिलने पर मन बेचैन हो जाना। सब प्यार होने की संकेत हैं । 

प्यार कब होता है:

प्यार कब होता है। इसका जवाब यह है कि जब किसी से प्यार होता हैं तो उसके पास होने पर बहुत खुशी होती हैं लेकिन उसके दूर जाने से उतना ही बेचैनी बढ़ने लगती हैं। 
  • प्यार में उसकी खुशी अपनी जरूरत बन जाए तब प्यार होता है। 
  • उसके खामोशी से, आप परेशान होने लगते हैं तो समझ लो धीऱे धीरे प्यार हो लगा है।
  • किसी के बिना दिल न लगे तो समझ लो वह प्यार है। 
  • किसी की कामयाबी अपनी कामयाबी लगे तो समझो प्यार होता है। 

झूठे और सच्चे प्यार में फर्क:

झूठे और सच्चे प्यार में सबसे बड़ा फर्क स्वार्थ और निस्वार्थ का होता है। कहने का अर्थ यह हैं कि झूठा प्यार में कही ना कहीं किसी चीज का मतलब,फायदा और शरीरिक सुख छुपा होता हैं जबकि सच्चा प्यार तो बिना किसी मतलब और फायदे से अलग होता हैं । इसमे सामने वाला जो आपसे प्यार करता हैं वह आपके खुशी में प्रसन्न रहता है । आपको इज्जत,समान और आपके लिए त्याग की भावना रखता हैं। आपकी समस्या को अपनी समस्या समझता हैं। यही सच्चा प्यार हैं। 

प्यार की शुरुआत कैसे होती है? 

प्यार की शुरुआत बहुत ही सुंदर होता हैं। इसमे जब आपको प्यार होता हैं तो आपको रहन-सहन और वेष-भूषा मे परिवर्तन आने शुरू होने लगती हैं । सुबह आँख खुलने पर सबसे पहले किसी का ख्याल आना या रात को सोने से पहले किसी के बारे में सोचते हुए सोना । यह सब प्यार की संकेत हैं। इसके अलावा प्यार की शुरुआत कैसे होती हैं इसके लिए निम्न संकेत है-
  • सुबह उसकी यादों से शुरू होना 
  • रात का नीद उसकी यादों से आना 
  • उसके बिना अच्छा न लगना 
  • उसकी एक दीदार पर दिल खुश होने लगना
  • उसकी बात दिमाग में बार बार आना
  • उसका एक मेसेज और आपका सारा तनाव दूर होना
  • उसका पसंद जब अपनी पसंद बनने लगे
  • धीरे धीरे उसकी फिक्र का बढ़ने लगना 
यदि ऊपर दिए गए संकेत आपके अंदर दिख रहे है तो समझ लीजिये प्यार की शुरुआत हो गयी है। और ऐसे ही होता है प्यार की शुरुआत।

सच्चा प्यार कैसे होता है?

प्यार तो सब कोई करता है किसी न किसी से। लेकिन इस दुनिया में सच्चा प्यार नसीब वाले को ही मिलते है। लेकिन जब सच्चा प्यार मिलता है तो इंसान को और किसी चीज की जरुरत नहीं होती है। लेकिन यह सच्चा प्यार कैसे मिलता है ? सच्चा प्यार कैसे होता है ? यह जानने के लिए कुछ संकेत होते है। यदि निचे दिए गए संकेत मिले जिससे आप प्यार कर रहे है तो समझ लीजिये आपको सच्चा प्यार मिला गया है।
  • सबसे जरुरी भरोसेमन्द होना 
  • ख़ुशी हो या गम , हर समय साथ निभाना 
  • खुद से ज्यादा आपको महत्व देना 
  • मुश्किल समय में हमेशा साथ रहना 
  • बिना बोले मन की बात समझ जाना 
  • आपके कमियों को नजरअंदाज करके प्यार करना 
  • बिना किसी फायदे के हमेशा साथ रहना 
  • सबके सामने सम्मान करना
  • आपके ख़ुशी में आपसे ज्यादा खुश होना   
उपरोक्त संकेत के जरिये आप समझ जायेंगे कि सच्चा प्यार कैसे होता है।  यदि आपको ऐसा संकेत आपके पार्टनर से मिलने लगे तो समझ लेना आपको सच्चा प्यार मिल गया है। 

असली प्यार की निसानी क्या होती है? 

वैसे तो असली प्यार की बहुत सी निसानी है। असली प्यार की पहचान भरोषा होता है। असली प्यार वह है जो समय ,हालत,दुरी से फर्क नहीं पड़ता है। असली प्यार में किसी भी प्यार का दिखावा नहीं होता है। यह बिना किसी स्वार्थ का होता है। इसमें लोग एक दूसरे के लिए कुछ भी करने के लिए तत्पर होते है। 

जो आपके ख़ुशी को अपनी ख़ुशी ,आपकी कामयाबी को अपनी कामयाबी ,आपके दुःख को अपना दुःख समझे वही असली प्यार है। असली प्यार को समझाने में मेरे सब्द कम पड़ जायेंगे। एक शब्द अगर असली प्यार की समझा जाये तो "समर्पण" क्योंकि असली प्यार वही होता है जिसमे इंसान बिना स्वार्थ, बिना शर्त के खुद को पूरी तरह किसी के लिए समर्पित कर देता है। 


प्यार होने के बाद क्या होता है? 

प्यार होने के बाद इंसान का दिल और दिमाग सिर्फ उस इंसान के बारे में सोचने लगता है जिससे वह प्यार करता है। जब किसी को किसी से प्यार हो जाता है तो हर पल उसकी यादो में खोया रहता है। इंसान का अकेलापन प्यार होने के बाद दूर हो जाता है। उसकी ख़ुशी अपनी ख़ुशी लगने लगती है। उस इंसान के बिना रहना मुश्किल हो जाता है जिससे प्यार हो जाता है। यानि प्यार होने के बाद निम्न चीजे होती है। 
  • सुबह उसकी गुड मॉर्निंग से होती है 
  • रात उसके गुड नाईट से होती है 
  • चीज चीज में बस वही नजर आता है 
  • उसके बिना मन नहीं लगता है 
  • निगाहे उसको ही ढूढ़ती है 
  • उसकी नाराजगी खुद को तकलीफ देता है 

कैसे जाने कोई हमें प्यार करता है?

अक्सर हम लोगो ने कभी न कभी महसूस जरूर किया होगा कि हम किसी से प्यार तो करते है लेकिन सपने वाले से बोल नहीं पाते है। यानि प्यार किया लेकिन इजहार नहीं किया। और सामने वाले को नहीं समझ आता है कि कोई उससे भी प्यार करता है। यह चीज आपके साथ भी होता है 

आप भी यह जानना चाहते है कि कोई आपसे प्यार करता है कि नहीं ये कैसे जाने। सबको अपने प्यार का इजहार करने को नहीं आता है। हमारा भी कुछ जिम्मेदारी होती है कि बिना उसके इजहार किये बिना सामने वाले का प्यार का समझ पाए। 

कैसे जाने कोई हमें प्यार करता है? इस सवाल के जवाब में हम आपको कुछ संकेत बताने जा रहे है यदि कोई आपको निम्न संकेत देता है तो समझ लीजिये कि वह आपसे प्यार करता है-
  • बिन कहे सब समझ जाता है। 
  • आपके गुस्से होने की वजह बिना बताये समझ जाता है 
  • आपकी फ़िक्र हद से ज्यादा करता है। 
  • हर समय आपके लिए फ्री होता होता है 
  • आपकी सब बातो को याद रखता है 
  • आपकी ख़ुशी अपनी ख़ुशी समझता है 
  • ख़राब समय में चट्टान के जैसे खड़ा होता है 
  • छोटी छोटी बातो पर भी नजर रखता है 
  • आपकी पसंद को अपनी पसंद बना लेता है 
  • आपके प्रति हमेशा वफादार और ईमानदार होता है। 

निष्कर्ष: क्या प्यार होना जरूरी है?

प्यार के बिना यह संसार अधूरा है। यदि किसी ने प्यार नहीं किया तो उसके इस संसार को सही से जाना ही नहीं है। इंसान के पैदा होने से मरने तक कोई चीज अगर उसे किसी रिश्ते में जोड़ के रखती है तो वह प्यार है।  प्यार के बिना किसी भी रिश्ते की कोई अहमियत नहीं होती। 

प्यार के बिना तो संसार के सारे रिश्ते बस मतलब और जरुरत को पूरा करने के साधन बन जाते है। प्यार के बिना तो इंसान का जीवन एक जिन्दा लाश के सामान है। यह प्यार ही है तो एक पुत्र को माँ और पिता से जोड़ के रखता है। एक प्रेम ही है तो भाई से भाई को एक करके रखता है। 

इस प्यार में ही दोस्त दूसरे दोस्त के लिए अपने जान तक दे देता है। वह प्यार ही है जिसके लिए राधा और कृष्णा को लोग मानते है। और उनके जैसे पार्टनर की तलाश में रहते है जो बुरे से बुरे समय में भी साथ निभा सके। 

आइये जानते है क्या प्यार होना जरूरी है? प्यार के बिना इंसान का जीवन अधूरा है।  निचे कुछ लाइन दिया जा रहा है जिससे आपको यह समझ आएगा यदि प्यार नहीं होता तो क्या होता था। 

  • ख़ुशी को हम किसी से बाँट नहीं पाते 
  • हमारे दुखो को समझने वाला कोई नहीं होगा 
  • इंसान का जीवन सूखे हुए पत्तो के जैसे हो जाता 
  • लोगो में बस मतलब की ही बात होता 
  • दुःख ,दर्द और पीड़ा को कोई नहीं समझता 
  • लोगो के अंदर इंसानियत मर जाती 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs :

Q1: क्या पहली नजर का प्यार सच होता है?

उत्तर: हाँ ,लेकिन यह पहली नजर में एक अहसास होता है जो धीरे-धीरे बार बार देखने या मिलने से प्यार में बदल जाता है। 

Q2: कैसे पता चले कि हमें सच में प्यार हुआ है या बस आकर्षण है?

उत्तर: जब आप प्यार में सम्मान,त्याग और समर्पण सब करते है,उसकी ख़ुशी में अपनी ख़ुशी खोजते है। तो आपको सच में प्यार हुआ है न की आकर्षण। 

Q3: क्या सच्चा प्यार सिर्फ एक बार होता है?

उत्तरयह सबकी अपनी अपनी प्रकृति पर निर्भर करता है। किसी का पहला प्यार ही सच्चा निकलता है तो किसी के जीवन में कभी सच्चा प्यार नहीं मिल पता है। तो किसी को दोबारा भी मिल जाता है। यह आपके किस्मत के ऊपर है। 

Q4: सच्चे प्यार में दर्द क्यों होता है?

उत्तरप्यार में लोगो जीने मरने से लेकर हर प्रकार के वादे तो करते है लेकिन कभी मज़बूरी के वजह से वादा पूरा नहीं करते है तो सच्चे प्यार में दर्द होता है। 

Q5: क्या झूठा प्यार पहचानना आसान है?

उत्तरहाँ , इसके लिए आप प्यार की परीक्षा लेकर पहचान सकते है जैसे उसे मुश्किल समय में सहायता के लिए पुकारें 

Q6: क्या प्यार में त्याग जरूरी है?

उत्तरहाँ ,प्यार का दूसरा नाम होता है त्याग। प्यार बलिदान मांगता है इसका उदाहरण -राधा कृष्णा है और उनका कभी विवाह नहीं हुआ। यह त्याग नहीं है तो क्या है।

Q7: क्या प्यार समय के साथ खत्म हो सकता है?

उत्तर: नहीं , प्यार सच्चा हो तो वह समय के साथ और भी गहरा और मजबूत हो जाता है। 

Q8: प्यार और दोस्ती में क्या फर्क है?

उत्तरदोस्ती में दोस्त का साथ चाहिए होता है जबकि प्यार समर्पण और त्याग का दूसरा नाम है। 

Q9: क्या ऑनलाइन प्यार भी सच्चा हो सकता है?

उत्तरहाँ , यदि प्यार में भरोषा खुद से ज्यादा , फ़िक्र और उसके बात किये बिना दिन नहीं जाता , तो ऑनलाइन भी हो सकता है।    

Q10: एकतरफा प्यार भी सच्चा प्यार होता है क्या?

उत्तरहाँ ,एकतरफा प्यार से गहरा कोई प्यार नहीं होता है यह सच्चा भी होता है और बहुत प्यारा अहसास होता है। 


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अंत में एक ही चीज कहना चाहूंगा कि प्यार त्याग ,समर्पण और सम्मान का दूसरा रूप है। इसके बिना जीवन में अंधकार ही अंधकार है। इसके बिना तो जीवन रसहीन है। 

आपका प्यार के साथ क्या अनुभव है क्या अपने कभी किसी से प्यार किया ,अपने कभी किसी के लिए त्याग और समर्पण किया। और आपको कभी सच्चा प्यार मिला। निचे कमेंट में आप अपना अनुभव जरूर बताये।  

आज के इस पोस्ट में बस इतना ही अगर आप लोगो को हमारा यह पोस्ट पसंद आया तो आप जिससे प्यार करते है उसके पास जरूर शेयर करे।     

जय हिन्द 

वंदे मातरम 



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