Sist Kya Hota Hai? | Cyst Meaning in Hindi - लक्षण, कारण, इलाज:
क्या आपने कभी सिस्ट का नाम सुना है। तो आपके मन में भी यह प्रश्न आया होगा कि Sist Kya Hota Hai? लेकिन शायद ही आप इसके बारे में जानते नहीं है। यदि आप भी जानना चाहते है कि Sist Kya Hota Hai? तो आज के इस पोस्ट में हम सिस्ट क्या होता है इसके बारे में जानकारी देंगे। इस पोस्ट में हम Sist Kya Hota Hai?,Sist Meaning in Hindi (सिस्ट का मतलब),Sist के प्रकार (Types of Cyst),Sist के कारण (Causes of Cyst),Sist का रोकथाम (Prevention of Cyst),Sist का उपचार (Treatment of Cyst) आदि प्रश्नो के उत्तर जानेंगे। तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
Table of Content
- Sist Kya Hota Hai? (सिस्ट क्या होता है?)
- Sist Meaning in Hindi (सिस्ट का मतलब)
- Sist के प्रकार (Types of Cyst)
- Sist के लक्षण(Symptoms of Cyst)
- Sist के कारण (Causes of Cyst)
- Sist का रोकथाम (Prevention of Cyst)
- Sist का उपचार (Treatment of Cyst)
- अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs)
- निष्कर्ष
Sist Kya Hota Hai? (सिस्ट क्या होता है?):
Sist जिसे हम Cyst के नाम से जानते है। Sist एक प्रकार का गांठ होता है जो हमारे शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। यह ज्यादातर शरीर के बाहरी भाग में होता है। लेकिन यदि यह शरीर के आंतरिक भाग में होता है तो बहुत कष्टदायक होता है। Sist एक छोटी सी फुंसी से स्टार्ट होता है। और धीरे धीरे यह फोड़ा बनता है और यदि फोड़ा आगे गांठ का रूप ले लेता है।
Sist Meaning in Hindi (सिस्ट का मतलब):
Sist को हम हिंदी के सरल भाषा में समझने के लिए फोड़ा भी कहा जाता है। लेकिन यह एक फोड़ा का बड़ा रूप होता है। इसे हम मेडिकल के भाषा में Sist या Cyst भी कहा जाता है। मेडिकल के नजरिये से यह एक ऐसी संरचना होती है जो हमारी त्वचा के किसी भी भाग में बन जाता है। वैसे तो यह सामान्यतः मामूली फुंसी होता है जो कुछ दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन कभी कभी यह दर्द,सूजन और इन्फेक्शन के कारण फोड़ा बन जाता है फिर बाद में यही गांठ का रूप ले लेता है।
Sist के प्रकार (Types of Cyst):
- ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst)
- लीवर सिस्ट / हिपेटिक सिस्ट (Liver Cyst / Hepatic Cyst)
- सीबेशियस सिस्ट (Sebaceous Cyst)
- ब्रेस्ट सिस्ट (Breast Cyst)
- किडनी सिस्ट / रीनल सिस्ट (Kidney Cyst / Renal Cyst)
- गैन्ग्लियन सिस्ट (Ganglion Cyst)
- पाइलोनाइडल सिस्ट (Pilonidal Cyst)
- बार्थोलिन सिस्ट (Bartholin’s Cyst)
Sist के लक्षण(Symptoms of Cyst):
Sist एक ऐसा बीमारी होता है जो शुरुआत में तो थोड़ा भी तकलीफ नहीं होता है लेकिन कभी कभी यह बाद रूप ले लेता है। लेकिन कई बार हमें समझ नहीं आता है कि यह Sist है या छोटी फुंसी। इसके लिए आइये जानते है इसके लक्षण होते है जिससे हम समय पर इलाज करवा सके।
- प्रभावित हिस्से की त्वचा के रंग में बदलाव आना
- उस जगह पर पानी के जैसा द्रव का एकत्र होना
- छूने पर दर्द का अनुभव होना
- प्रभावित जगह पर सुजा या फुला हुआ अनुभब होना
- किसी कारण बार-बार संक्रमण का होना
यदि आपके भी शरीर के किसी भी भाग में इस तरह के लक्षण दिखाई पड़े तो आप तुरंत की डॉक्टर से सलाह ले और समय पर उचित इलाज कराये।
Sist के कारण (Causes of Cyst):
Sist Kya Hota Hai? के लक्षण से तो हम आसानी से समझ सकते है कि हम sist के चपेट में आ रहे है लेकिन यदि हम पहले ही इन लक्षणों के कारण का पता कर ले तो शायद हम Sist जैसे बीमारी के शिकार होने से बच सकते है। तो आइये जानते है कि वह कौन से कारण है जिससे sist हमारे शरीर के किसी भी भाग में कभी भी हो जाता है।
- चोट और सूजन
- दवाओं का साइड इफेक्ट्स
- अनुवांशिक कारण
- हार्मोन्स असंतुलन
- संक्रमण
- रोग प्रतिरोग क्षमता का कम होना
- स्किन का ख़राब हाइजीन
उपरोक्त कारण के वजह से सामान्यतः हमारे शरीर में sist यानि गांठ होता है।
Sist का रोकथाम (Prevention of Cyst)
किसी भी बीमारी को पूरी तरह जड़ से तो हम खत्म नहीं कर सकते है, लेकिन गांठ या सिस्ट (Cyst) जैसे रोग से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ और रोकथाम के उपाय जरूर अपना सकते हैं। जिससे होने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नीचे हम आपको कुछ महत्वपूर्ण रोकथाम उपाय बता रहे हैं:
- अपने स्किन को बार-बार न छुएं और खुजाने से बचे
- त्वचा को हमेशा साफ और सूखा रखने की कोशिश करे
- इनफेक्शन होने पर समय तुरंत डॉक्टर को दिखाए
- हमेशा संतुलित और हेल्दी भोजन करे
- दिन में हमेशा 4 -5 लीटर से अधिक पानी पिएं ताकि शरीर में डिटॉक्स बना रहे
- शरीर में टाइट कपडे पहनने से बचे। जिससे शरीर पर दाब नहीं आएगा।
Sist का उपचार (Treatment of Cyst)
- गर्म सिकाई के द्वारा हम छोटे सिस्ट का उपचार आसानी से कर सकते है।
- गर्म सिकाई के द्वारा सिस्ट ठीक न होने के अवस्था में हम एन्टीबायटिक दवा का प्रयोग कर सकते है।
- यदि सिस्ट का आकार बड़ा हो जाये तो डॉक्टर उसमे उपस्थित तरल द्रव को चिर फाड करके बहार निकाल कर उपचार करते है।
- दर्दनाक सिस्ट जो आसानी से ठीक न हो उसके लिए शल्यचिकित्सा का सहारा लेना पड़ता है।
- कभी कभी हम डॉक्टर के पास न जाकर घरेलु उपाय जैसे निम,हल्दी और अलवेरा के उपयोग से हम आसानी से सिस्ट का उपचार कर सकते है।
Note- Sist जैसे रोग जिसे हम फोड़ा कहते है कभी भी अपने हाथो से फोड़ने या शल्य चिकित्सा करने की कोशिश न करे। इससे आप बहुत बड़े इन्फेक्शन के शिकार हो सकते है इस लिए हमेशा डॉक्टर को जरूर दिखाए।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs):
Q1. सिस्ट क्या होता है?
उत्तर: सिस्ट एक तरह का गांठ होता है जो शरीर के किसी भी भाग में हो जाता है। इसे आम भाषा में फोड़ा कहा जाता है।
Q2 . सिस्ट और फोड़े में क्या अंतर है?
उत्तर: सिस्ट एक तरह का थैलीनुमा परत होता है जिसमे तरल द्रव भरा होता है जबकि फोड़ा मवाद से भरा होता है जो काफी दर्दनाक होता है।
Q3 .सिस्ट कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- ओवेरियन सिस्ट, लिवर सिस्ट, किडनी सिस्ट,गैन्ग्लियन सिस्ट, पाइलोनाइडल सिस्ट, आदि प्रकार के होते है।
Q4. क्या सिस्ट खतरनाक होता है?
उत्तर- सामान्यतः सिस्ट शुरुआत में तो हानिरहित होते हैं, इन्फेक्शन या अन्य कारण से दर्दनाक भी हो सकते है।
Q5. सिस्ट का इलाज कैसे किया जाता है?
उत्तर- सिस्ट का इलाज उसके आकार और प्रकार के अनुसार उसकी गर्म सिकाई, एंटीबायोटिक दवाएं, द्रव निकालना, या शल्यचिकित्सा (सर्जरी) जैसे तरीको से इलाज कर सकते है।
Q6. क्या सिस्ट अपने आप ठीक हो जाता है?
उत्तर- अधिकतर सिस्ट आपने आप ठीक हो जाते है लेकिन कभी कभी इसे डॉक्टर के पास दिखाना पड़ता है।
Q7. क्या घरेलू उपाय सिस्ट के लिए कारगर हैं?
उत्तर- घरेलु उपाय में हम नीम ,अलवेरा और हल्दी से sist का इलाज तो कर सकते है। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह से यह खतरनाक भी हो सकता है।
Q8. महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट क्यों होता है?
उत्तर- सामान्यतः महिलाओ में यह रोग एक हार्मोनल असंतुलन या अंडोत्सर्जन (ovulation) के दौरान थैली न टूटने के कारण भी हो सकता है।
Q9. क्या सिस्ट कैंसर बन सकता है?
उत्तर- ऐसा बहुत कम होता है लेकिन कुछ मामलो में यह पाया गया है कि सिस्ट कैंसरस हो सकते हैं, जैसे ओवेरियन या ब्रेन सिस्ट। इस लिए डॉक्टर से सलाह जरूर ले।
Q10.सिस्ट को कैसे रोक सकते हैं?
उत्तर- वैसे तो किसी भी रोग का पूरी तरह से नियंत्रित तो नहीं कर सकते है लेकिन शरीर के देख-भाल और सफाई ,समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना और इंफेक्शन से बचाव,हमेशा संतुलित और हेल्दी भोजन करे आदि तरीको से हम Sist का रोकथाम जरूर कर सकते है।
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